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गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक पाठ 009-01-009(हिन्दी पद्यानुवाद सहित)


अन्ये च बहव: शूरा मदर्थे त्यक्तजीविता: ।
नानाशस्त्रप्रहरणा: सर्वे युद्धविशारदा: ।।१।९।।
अन्ये = अन्य; च और; बहव: = बहुत से; शूरा: = शूरवीर; मदर्थें = मेरे लिये; त्यक्तजीविता: = जीवन की आशा को त्यागने वाले; नानाशस्त्रप्रहरणा: = अनेक प्रकार के शस्त्र अस्त्रों से युक्त; सर्वें = सब के सब; युद्वविशारदा: = युद्ध में चतुर हैं।
और भी मेरे लिये जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित और सभी युद्ध में चतुर हैं ।।१।९।।
मरने को तैयार रण में मेरे हित सब वीर हैं।
आयुधों से युक्त भी हैं, समर चतुर रणधीर हैं।।।।१।९।।
हरि ॐ तत्सत्।
श्री तारकेश्वर झा 'आचार्य 

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